राशि तत्व
ज्योतिष में, 12 राशियों को चार तत्वों - अग्नि, पृथ्वी, वायु और जल - में बांटा गया है, जिनमें से प्रत्येक में तीन राशियाँ शामिल हैं|
अग्नि तत्व: मेष, सिंह, धनु (1,5,9)
इस राशि के जातक भावुक, गतिशील और मनमौजी होते हैं और इन्हें जल्दी ही ग़ुस्सा आ जाता है। अग्नि राशि के जातक साहसी, ऊर्जावान, उत्साही और आदर्शवादी होते हैं। वे जीवन पर एक उज्ज्वल प्रकाश बिखेरते हैं और जहां भी जाते हैं ध्यान आकर्षित करते हैं।
पृथ्वी तत्व: वृष, कन्या, मकर (2,6,10)
पृथ्वी राशि के जातक ज़मीन से जुड़े हुए, स्थिर, व्यवहारिक और विश्वास योग्य होते हैं। इस राशि के जातकों को भौतिक चीज़ों से लगाव होता है।
वायु तत्व: मिथुन, तुला, कुंभ (3,7,11)
इस राशि के जातक बुद्धिमान, संचार में कुशल, सामाजिक, मिलनसार, विचारक, और विश्लेषक होते हैं। वायु राशि के जातकों को पुस्तक पढ़ने में आनंद आता है।
जल तत्व: कर्क, वृश्चिक, मीन (4,8,12)
जल राशि के जातक भावनात्मक, संवेदनशील और सहज होते हैं और इनकी स्मृति शक्ति तीक्ष्ण होती है और अपने प्रियजनों के लिए की मदद के लिए हमेशा तत्पर रहते हैं। वे समुद्र की तरह ही रहस्यमयी हो सकते हैं। पानी की तरह, वे ताज़ा हो सकते हैं या वे आपको अपनी गहराई में डुबो सकते हैं।
लग्न राशि
किसी व्यक्ति के जन्म के समय पूर्वी क्षितिज पर जो राशि उदित होती है, उसे लग्न राशि कहते हैं. यह कुंडली के पहले भाव में आती है. लग्न राशि को शासित करने वाले ग्रह को लग्नेश कहते हैं. लग्न राशि को ज्योतिष की सभी शाखाओं में बहुत महत्वपूर्ण माना गया है.
लग्न राशि के ज़रिए जातक के नाम, स्वभाव, व्यक्तित्व, स्वास्थ्य, विंशोत्तरी दशा, ग्रहों के शुभाशुभत्व का निर्णय, जन्मपत्री में सूर्य से लेकर चंद्रमा तक सभी ग्रहों के भाव और जीवन से जुड़े दूसरे पहलुओं के बारे में पता चलता है|
सूर्य राशि
सूर्य आधारित राशि इसमें जन्म के समय जब सूर्य जिस राशि में स्थित होता है तो वह आपकी सूर्य राशि होती है।
चंद्र राशि
चंद्र आधारित राशि इसमें जन्म के समय जब चंद्रमा जिस राशि में स्थित होता है तो वह आपकी चंद्र राशि होती है।
चर, स्थिर और द्विस्वभाव राशि
चर राशि: (मेष, कर्क, तुला तथा मकर) इस राशि के जातक स्वभाव से चंचल और व्यक्तित्व से आकर्षक होते हैं।
स्थिर राशि: (वृषभ, सिंह, वृश्चिक तथा कुम्भ) इस राशि के जातक अपने नाम के के अनुरूप स्थिर होती हैं। इन राशि के जातकों में आलस का भाव देखा जा सकता है। ये अपने स्थान से आसानी से नहीं हटते हैं। सबसे महत्वपूर्ण बात स्थिर राशि वाले लोग कोई भी कार्य जल्दबाज़ी में नहीं करते हैं।
द्विस्वभाव राशि: (मिथुन, कन्या, धनु तथा मीन ) इस राशि के जातक चर और स्थिर दोनों राशियों के गुण होते हैं।